shiv chalisa lyrics bhakti bharat Can Be Fun For Anyone

चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन

आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥

थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि here चैन न आवै॥

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

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